कार्पोरेट कप में नेटलिंक की रोमांचक जीत

कार्पोरेट कप (corporate cup) में नेटलिंक (Netlink) की रोमांचक जीत

रिलायंस ट्रॉफी कार्पोरेट कप : बीएसएस को चार रनों से हराया
भोपाल। नेटलिंक ने बीएसएस को चार रनों से हराकर रिलायंस ट्रॉफी कार्पोरेट कप क्रिकेट टूर्नामेंट में रोमांचक जीत दर्ज की है। ओल्ड कैंपियन मैदान पर गुरुवार को नेटलिंक ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 16 ओवर में छह विकेट पर 164 रन बनाए। इसमें सुजीत ने 52, साबिर ने 28 और आशीष ने 22 रन बनाए। बीएसएस की ओर से योगेंद्र ने चार विकेट लिए। जबकि शेखर दीक्षित और विपिन ने एक-एक विकेट लिए। जवाब में बीएसएस निर्धारित 16 ओवर में पांच विकेट पर 162 रन बना पाई। उसकी ओर से विपिन ने 60 और सुनील ने 50 रनों की पारी खेली। शुभम ने तीन विकेट लिए। जबकि दानिश और सुजीत ने एक-एक विकेट लिए। सुजीत मैन ऑफ द मैच चुने गए।

राधारमण में शुरू हुई इंडियन कार्टिंग रेस

भोपाल। रातीबड़ स्थित राधारमण समूह परिसर में आज नजारा एकदम बदला हुआ था। समूह की सड़कों व ग्राउंड पर जगह-जगह काॅलेज स्टूडेंट्स द्वारा डिजाइन की गई कारें दौड़ लगाती नजर आ रहीं थीं। मौका था 21 से 23 जनवरी तक होने वाली इंडियन कार्टिंग रेस जिसका आयोजन इम्पीरियल सोसायटी आफ इनोवेटिव इंजीनियर्स के सहयोग से किया जा रहा है। पर्यावरण मित्र तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रतियोगिता में 19 राज्यों में स्थित विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों की 50 से अधिक टीमें हिस्सा ले रही हैं। विजेताओं के चयन के लिए महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, टीवीएस, बाॅश, रेनो, अशोक लीलेंड, हीरो एवं टेक इम्पीरियल कंपनी के विशेषज्ञ बतौर जज भूमिका निभा रहे हैं।  
इस रेस का औपचारिक उद्घाटन क्षेत्रीय।विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, राजीव गाँधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता,  राधारमण समूह के चेयरमेन आर आर सक्सेना  इम्पीरियल सोसायटी आफ इनोवेटिव इंजीनियर्स के अध्यक्ष विनोद गुप्ता  ने हरी झंडी दिखाकर किया। इस अवसर पर श्री शर्मा ने कहा कि इस प्रकार का आयोजन भोपाल सहित प्रदेश के लिए भी प्रसन्नता की बात है। इन आयोजनों से युवा विद्यार्थियों के भीतर छिपी प्रतिभा को उजागर होने का अवसर मिलता है।
श्री  सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रतियोगिता में भाग ले रही सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे इसी तरह खोज एवं अनुसंधान में लगे रहें ताकि आने वाले समय में वे देश को पर्यावरण के अनुकूल वाहनों के विकल्प दे सकें।
राधारमण समूह के चेयरमेन आर आर सक्सेना ने कहा कि उनका समूह सदैव विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के समाधान खोजने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देता रहा है। यही वजह है कि समूह के विद्यार्थियों की अनेक खोजों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
प्रतियोगिता के पहले दिन प्रतियोगियों ने अपना बी प्लान तथा कॉस्ट रिपोर्ट प्रजेंट की। इसके बाद रेस में भाग लेने आ रही कार्ट्स का टेक्निकल परीक्षण किया गया। जिन अन्य परीक्षणों से कार्ट्स व उनके ड्रायवर्स को गुजारा गया उनमें वेट व विजन टेस्ट, डिजाइन एंड इनोवेशन, बिजनेस व स्टेटिक कॉस्ट, ब्रेक टेस्ट तथा एक्सीलरेशन प्रमुख थे। तीन दिवसीय आयोजन के अंत में एक भव्य पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें विजेता टीमों को पुरस्कृत किया जायेगा।  

वरिष्ठ आईपीएस अफसर थाउसेन बने बीएसएफ के ADG

भोपाल . भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के मध्यप्रदेश कैडर के वरिष्ठ अधिकारी डॉ एस एल थाउसेन को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अपर महानिदेशक (एडीजी) पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। Ko
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी डॉ थाउसेन की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर लेते हुए उन्हें बीएसएफ का अपर महानिदेशक बनाया गया है।
इस पत्र में राज्य सरकार से श्री थाउसेन को शीघ्र ही कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया गया है, जिससे वे केंद्र में नयी जिम्मेदारी को शीघ्र ही संभाल सकें।
डॉ थाउसेन वर्तमान में राज्य के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक के तौर पर पदस्थ हैं। वे केंद्र में पहले भी महत्वपूर्ण पदों पर प्रतिनियुक्ति पर रह चुके हैं।

फिरदौस का दोहरा प्रदर्शन, ओसीजी (OCG) सात विकेट से जीता

भोपाल। फिरदौस के दोहरे प्रदर्शन की मदद से राज एक्सप्रेस ने डिजिआना को सात विकेट से हराकर 25वें आईईएस यूनिवर्सिटी-डिजिआना इंटर प्रेस क्रिकेट टूर्नामेंट 2020 में लगातार तीसरी जीत दर्ज की है। दिन के एक अन्य मैच में ओसीजी भी सात विकेट से ही जीता
ओल्ड कैंपियन मैदान पर खेली जा रही इस प्रतियोगिता में डिजिआना ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 85 रन बनाए। इसमें अनुराग ने 24 और दीपांशु ने 22 रन बनाए। काशिम ने तीन और फिरदौस ने दो विकेट लिए। जवाब  में राज एक्सप्रेस ने जरूरी रन 9.1 ओवर में तीन विकेट पर बना लिए। इसमें फिरदौस ने अविजित 39 और धर्मेंद्र ने 30 रन बनाए। अनुराग ने दो विकेट लिए। गजेंद्र को एक सफलता मिली। फिरदौस मैन ऑफ द मैच चुने गए। उन्हें संयुक्त संचालक खेल डा. विनोद प्रधान और सहायक संचालक जलज चतुर्वेदी ने पुरस्कृत किया। दिन के दूसरे मैच में खेल संदेश ने 106 रन बनाए। इसमें समय ने 28 और विकास ने 24 रन बनाए। सुशील सिंह ठाकुर और मो. साबिर ने दो-दो विकेट लिए। जबकि रिचित को एक सफलता मिली। 108 रनों के आसान लक्ष्य को ओसीजी ने मात्र 15.2 ओवर में तीन विकेट पर हासिल कर लिया। मो. साबिर ने अविजित 44 रन बनाए। जैद ने 25 और राहुल ने 22 रन बनाए। आदित्य ने दो विकेट लिए।

राज एक्सप्रेस ने मैच जीता

आईएस टूर्नामेंट क्रिकेट प्रतियोगिता में आज शानदार प्रदर्शन करते हुए राज एक्सप्रेस ने अपनी तीसरी जीत दर्ज की उसने आज ओल्ड कैंपियन पर खेले गए मुकाबले में diziana टीम को हराकर सेमीफाइनल की तरफ कदम बढ़ा लिए हैं अब अगले मैच में राज एक्सप्रेस जीत दर्ज कर सेमीफाइनल की राह पक्की करना चाहेगी

शायरों एवं कवियों का कार्यक्रम आज

सीहोर। शायरों एवं कवियों का गणतंत्र दिवस सुभाष चंद्र बोस जयंती एवं कमलनाथ सरकार के गौरवम 1 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज बुधवार को रात्रि 9 बज े से ऑल इंडिया कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का कार्यक्रम सराय छावनी सीहोर में रखा गया है। जिसमें सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील म

पीबीएल डेब्यू पर मप्र के उभरते हुए स्टार प्रियांशू रजावत ने पीवी सिंधु को प्रभावित किया

आनंद रजक का आतिशी शतक

भोपाल। दैनिक भास्कर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को 41 रनों से हराते हुए 25वें आईईएस यूनिवर्सिटी-डिजिआना इंटर प्रेस क्रिकेट टूर्नामेंट में लगातार तीसरी जीत दर्ज की है। ओल्ड कैंपियन मैदान पर मंगलवार को दैनिक भास्कर ने पहले तो आनंद रजक 133 के आतिशी शतक के सहारे 237 रनों का पहाड़ स्कोर खड़ा किया। उसके बाद टाइम्स ऑफ इंडिया को 196 रनों पर रोक लिया। आनंद ने अपनी पारी में 57 गेंदों का सामना किया। उन्होंने 13 आसमांभेदी छक्के उड़ाए। जबकि सात दफा बॉल को रस्सी के पार पहुंचाया। आनंद के अलावा अनूप दुबे ने 40 और रोहिताश मिश्रा ने 29 रनों की पारी खेली। जतिन ने तीन विकेट लिए। सत्यजीत और सौरभ को एक-एक सफलताएं मिलीं। टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से सत्यजीत पाटनकर ने 81 रनों की नाबाद पारी खेली। जबकि पी नवीन ने 31 रन बनाए। सौरभ-दुष्यंत ने क्रमश: 29-23 रन जोड़े। आनंद रजक को शतकीय पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। उन्हें जनसंपर्क आयुक्त पी. नरहरि ने पुरस्कृत किया। दूसरे मुकाबले में दैनिक कौसर ने अटल प्रदेश पर 61 रनों से हराते हुए ओपन वर्ग के फाइनल में प्रवेश किया। उसने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए 177/4 रन बनाए। जवाब में अटल प्रदेश की टीम 116 रन बना सकी। जय देवनानी मैन ऑफ द मैच चुने गए। उन्होंने 79 रनों की पारी खेली। 

फायदा भारत को

पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछड़ने के बाद मिली वनडे सीरीज में धांसू जीत का फायदा भारत को न्यू जीलैंड दौरे पर मिलेगा। भारतीय टीम ने मुंबई में बेहद खराब खेला और उसे हार मिली, लेकिन इसके बाद दोनों मैचों में उसने गजब का प्रदर्शन किया।

हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं

हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं, सब रटा रटाया।

क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या मांग रहे हैं?

बस रटा रटाया बोलते जाते हैं। आनंद और फल शायद तभी मिलेगा जब हमें इसका मतलब भी पता हो।

तो लीजिए पेश है श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित!!

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श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।
📯《अर्थ》→ गुरु महाराज के चरण.कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हे।★
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बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।★
📯《अर्थ》→ हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन.करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सदबुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए।★
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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥★
📯《अर्थ 》→ श्री हनुमान जी! आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों,स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।★
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राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥★
📯《अर्थ》→ हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नही है।★
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महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥★
📯《अर्थ》→ हे महावीर बजरंग बली! आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी, सहायक है।★
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कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥★
📯《अर्थ》→ आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।★
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हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥★
📯《अर्थ》→ आपके हाथ मे बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।★
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शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥★
📯《अर्थ 》→ हे शंकर के अवतार! हे केसरी नंदन! आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर मे वन्दना होती है।★
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विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥7॥★
📯《अर्थ 》→ आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है।★
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प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया॥8॥★
📯《अर्थ 》→ आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस लेते है। श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय मे बसे रहते है।★
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सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रुप धरि लंक जरावा॥9॥★
📯《अर्थ》→ आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके.लंका को जलाया।★
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भीम रुप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥★
📯《अर्थ 》→ आपने विकराल रुप धारण करके.राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उदेश्यों को सफल कराया।★
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लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥★
📯《अर्थ 》→ आपने संजीवनी बुटी लाकर लक्ष्मणजी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।★
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रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥★
📯《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।★
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सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥★
📯《अर्थ 》→ श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से.लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।★
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सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद,सारद सहित अहीसा॥14॥★
📯《अर्थ》→श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।★
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जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥★
📯《अर्थ 》→ यमराज,कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।★
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तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥★
📯《अर्थ 》→ आपनें सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वे राजा बने।★
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तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥17॥★
📯《अर्थ 》→ आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।★
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जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥★
📯《अर्थ 》→ जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर पहुँचने के लिए हजार युग लगे। दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझ कर निगल लिया।★
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प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥★
📯《अर्थ 》→ आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह मे रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नही है।★
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दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥★
📯《अर्थ 》→ संसार मे जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।★
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राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥21॥★
📯《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप.रखवाले है, जिसमे आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नही मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।★
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सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू.को डरना॥22॥★
📯《अर्थ 》→ जो भी आपकी शरण मे आते है, उस सभी को आन्नद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक. है, तो फिर किसी का डर नही रहता।★
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आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥★
📯《अर्थ. 》→ आपके सिवाय आपके वेग को कोई नही रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।★
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भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥★
📯《अर्थ 》→ जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहाँ भूत, पिशाच पास भी नही फटक सकते।★
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नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा॥25॥★
📯《अर्थ 》→ वीर हनुमान जी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है,और सब पीड़ा मिट जाती है।★
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संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥★
📯《अर्थ 》→ हे हनुमान जी! विचार करने मे, कर्म करने मे और बोलने मे, जिनका ध्यान आपमे रहता है, उनको सब संकटो से आप छुड़ाते है।★
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सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥ 27॥★
📯《अर्थ 》→ तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यो को आपने सहज मे कर दिया।★
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और मनोरथ जो कोइ लावै, सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥★
📯《अर्थ 》→ जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन मे कोई सीमा नही होती।★
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चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥29॥★
📯《अर्थ 》→ चारो युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग मे आपका यश फैला हुआ है, जगत मे आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।★
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साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥★
📯《अर्थ 》→ हे श्री राम के दुलारे ! आप.सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।★
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अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥३१॥★
📯《अर्थ 》→ आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।★
1.) अणिमा → जिससे साधक किसी को दिखाई नही पड़ता और कठिन से कठिन पदार्थ मे प्रवेश कर.जाता है।★
2.) महिमा → जिसमे योगी अपने को बहुत बड़ा बना देता है।★
3.) गरिमा → जिससे साधक अपने को चाहे जितना भारी बना लेता है।★
4.) लघिमा → जिससे जितना चाहे उतना हल्का बन जाता है।★
5.) प्राप्ति → जिससे इच्छित पदार्थ की प्राप्ति होती है।★
6.) प्राकाम्य → जिससे इच्छा करने पर वह पृथ्वी मे समा सकता है, आकाश मे उड़ सकता है।★
7.) ईशित्व → जिससे सब पर शासन का सामर्थय हो जाता है।★
8.)वशित्व → जिससे दूसरो को वश मे किया जाता है।★
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राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥★
📯《अर्थ 》→ आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण मे रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।★
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तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥★
📯《अर्थ 》→ आपका भजन करने से श्री राम.जी प्राप्त होते है, और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर होते है।★
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अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥34॥★
📯《अर्थ 》→ अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।★
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और देवता चित न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥★
📯《अर्थ 》→ हे हनुमान जी! आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नही रहती।★
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संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥★
📯《अर्थ 》→ हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।★
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जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥★
📯《अर्थ 》→ हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।★
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जो सत बार पाठ कर कोई, छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥★
📯《अर्थ 》→ जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परमानन्द मिलेगा।★
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जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा॥39॥★
📯《अर्थ 》→ भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।★
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तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥★
📯《अर्थ 》→ हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय मे निवास कीजिए।★
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पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रुप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥★
📯《अर्थ 》→ हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरुप है। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे निवास कीजिए।★
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🌹सीता राम दुत हनुमान जी को समर्पित🌹
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